Friday, March 10, 2017

किस्मत को दोष देने वाले हजारों लोगों के लिए एक मिसाल है 10वीं की छात्रा अंकिता।

ankita kumari
अंकिता कुमारी 
आज मैं आपको एक लड़की अंकिता के बारे में बताने जा रहा हूँ अंकिता के बारे में जानकार और उसका हौंसला देख कर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि इंसान कोशिश करे तो क्या नहीं हो सकता है।
अंकिता कुमारी बिहार के सारण जिले के बनियापुर की रहने वाली है और गांधी हाईस्कूल एग्जाम सेंटर में 10वीं की परीक्षा दे रही है अंकिता बाकी छात्रों की तरह समान्य छात्रा नहीं है वह हाथों से नहीं लिख सकती इसलिए पैरों से लिख कर परिक्षा दे रही है।

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पांच साल की उम्र में अंकिता को पोलियो हो गया था जिसके बाद उसके हाथों ने  काम करना बंद कर दिया कुछ समय बाद अंकिता की आवाज़ भी चली गई इन सब तकलीफों के वाबजूद अंकिता ने एक बहादुर सिपाही की तरह हिम्मत न हारते हुए पढ़ने का फैंसला लिया और पढ़ाई को अपनी ताकत बनाना उद्देश्य बना लिया। हाथ काम न कर पाने की वजह से अंकिता पैंरो की उंगलियों में पैन पकडकर लिखती है। अंकिता की राइटिंग इतनी सुंदर और आकर्षित है कि देखने वाले दंग रह जाते है कुछ student हाथों से भी इतना खूबसूरत नहीं लिख सकते जितना अंकिता  पैरो से  लिख लेती है सभी उसके हौंसले को सलाम करते हैं।

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बैंच  पर बैठकर पैरों से लिखना मुश्किल होता है इसलिए अंकिता धरी पर बैठकर परिक्षा दे रही है उसके टीचर्स का कहना है कि अंकिता पढने में  काफी होशियार है अगर उसे सबका साथ मिले तो वह अपना नाम रोशन कर सकती है अंकिता की दादी रोज उसे स्कूल छोड़ने तथा ले जाने के लिए आती है वह चाहतीं है कि उनकी पोती पढ़ लिख कर बड़ी अफसर बने।

 दोस्तो अंकिता उन हजारों लोगों के लिए  एक मिसाल है जो  थोड़ी सी मुसीबत आने पर हिम्मत हार जाते है ओर किस्मत को दोष देने लगते हैं जीवन में कितना भी मुश्किल वक्त आ जाए उन मुश्किलों का सामना करते हुए हमें भी अंकिता की तरह हौंसले के  साथ आगे बढ़ना चाहिए। दोस्तो अगर इंसान कोशिश करे तो हर मुसीबत का हल संभव है बस आपकी कोशिश में दम होना चाहिए।





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