Modi सरकार का अगला निशाना डाक्टर तथा दवा विक्रेता व निर्माता
अब उन डाक्टरों की खैर नहीं है जो मरीजों को अनावश्यक तथा जरूरत से ज्यादा दवाईयां लिख कर देते हैं अनावश्यक दवाईयां खाने से मरीजों का शरीरिक नुकसान के साथ- साथ आर्थिक नुकसान भी होता है.
केंद्र सरकार ने दवाईयों का अनावश्यक इस्तेमाल रोकने के लिए
ई प्लेटफॉर्म बनाने का निर्णय लिया है । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी WEBSITE पर एक पत्र जारी करके भिन्न पक्षों की प्रतिक्रिया मांगी है पत्र में लिखा है कि यह कदम दवाईयों के Online बिक्री, सही इस्तेमाल तथा गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
यह ई प्लेटफॉर्म एक पोर्टल होगा जो सरकार के नियन्त्रण में रहेगा। सभी दवा विक्रेताओं, दवा वितरकों और दवा निर्माता कंपनियों को इस पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। और दवा निर्माता कंपनी से लेकर कैमिस्ट् तक को दवा की सारी खरीदी बिक्री इसी पोरटल पर login करके करनी होगी। रसीद भी पोर्टल पर कटेगी, दवा की बिक्री का पूरा ब्यौरा लिखित रूप में देना होगा कि कितनी दवा किसको दी गई यहां तक कि कैमिस्ट् के लिए अनिवार्य होगा कि जिस डाक्टर ने दवा लिखी है उस डाक्टर का नाम तथा Registration number भी लिखें, बिना डाक्टर के नाम तथा Registration number के पर्ची नहीं कटेगी। इस तरह से केमिस्ट् द्वारा बेची गई सारी दवा का रिकॉर्ड पोर्टल पर रहेगा।
सभी सरकारी अस्पताल, डिस्पेंसरीयां, प्राइवेट अस्पताल तथा क्लिनिकों के डाक्टर इस प्लेटफॉर्म के दायरे में होंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोग अपनी मर्जी से बिना डाक्टर की पर्ची के दवा नहीं खरीद सकेंगे। नकली दवाईयां की बिक्री पर रोक लगेगी और ऐसे डाक्टरों को पकड़ा जा सकेगा जो मरीजों को अनावश्यक तथा जरूरत से ज्यादा दवाईयां लिख कर देते हैं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक विभाग गठित करेगा जो पोर्टल पर update होने वाले आंकड़ों की निगरानी रखेगा। दोषी पाए जाने वालों के साथ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
किस्मत को दोष देने वाले हजारों लोगों के लिए एक मिसाल है 10वीं की छात्रा अंकिता।
35000 से शुरूआत करके international brand बनने तक का सफर
हेयर ड्रेसर रमेश बाबू ने खरीदी 3.5 करोड़ रुपए की car Mercedes S 600
अब उन डाक्टरों की खैर नहीं है जो मरीजों को अनावश्यक तथा जरूरत से ज्यादा दवाईयां लिख कर देते हैं अनावश्यक दवाईयां खाने से मरीजों का शरीरिक नुकसान के साथ- साथ आर्थिक नुकसान भी होता है.
Medicine and stethoscope |
केंद्र सरकार ने दवाईयों का अनावश्यक इस्तेमाल रोकने के लिए
ई प्लेटफॉर्म बनाने का निर्णय लिया है । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी WEBSITE पर एक पत्र जारी करके भिन्न पक्षों की प्रतिक्रिया मांगी है पत्र में लिखा है कि यह कदम दवाईयों के Online बिक्री, सही इस्तेमाल तथा गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
यह ई प्लेटफॉर्म एक पोर्टल होगा जो सरकार के नियन्त्रण में रहेगा। सभी दवा विक्रेताओं, दवा वितरकों और दवा निर्माता कंपनियों को इस पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। और दवा निर्माता कंपनी से लेकर कैमिस्ट् तक को दवा की सारी खरीदी बिक्री इसी पोरटल पर login करके करनी होगी। रसीद भी पोर्टल पर कटेगी, दवा की बिक्री का पूरा ब्यौरा लिखित रूप में देना होगा कि कितनी दवा किसको दी गई यहां तक कि कैमिस्ट् के लिए अनिवार्य होगा कि जिस डाक्टर ने दवा लिखी है उस डाक्टर का नाम तथा Registration number भी लिखें, बिना डाक्टर के नाम तथा Registration number के पर्ची नहीं कटेगी। इस तरह से केमिस्ट् द्वारा बेची गई सारी दवा का रिकॉर्ड पोर्टल पर रहेगा।
सभी सरकारी अस्पताल, डिस्पेंसरीयां, प्राइवेट अस्पताल तथा क्लिनिकों के डाक्टर इस प्लेटफॉर्म के दायरे में होंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोग अपनी मर्जी से बिना डाक्टर की पर्ची के दवा नहीं खरीद सकेंगे। नकली दवाईयां की बिक्री पर रोक लगेगी और ऐसे डाक्टरों को पकड़ा जा सकेगा जो मरीजों को अनावश्यक तथा जरूरत से ज्यादा दवाईयां लिख कर देते हैं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक विभाग गठित करेगा जो पोर्टल पर update होने वाले आंकड़ों की निगरानी रखेगा। दोषी पाए जाने वालों के साथ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
किस्मत को दोष देने वाले हजारों लोगों के लिए एक मिसाल है 10वीं की छात्रा अंकिता।
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